दोहे अंकुर के
मुर्ख जो देखन मै चला, फ़ौज बहुत बड़ी होई.
जो मन खोजा आपना मुझ से सुजान न कोई .
एसी बानी बोल्ये , सब में झगरा ह्योए
औरन पड़े कलेश में आप मुनाफा होए
रूखी सूखी में कभी कोई न खुश रह पाए
जो इतने में हे सुखी भयो तो और भला क्यूँ पाए
सिंह सोनिया दोनों खड़े का के लागू पाव
बलहारी सोनिया आप ने सिंह दिए नचाये
देख टशन में लौंडिया दिया अंकुर रोये
नारी की अदाओ से साबुत बचा न कोए
-अंकुर
-अंकुर
समर्थन
भ्रष्टाचारी करने से हम कभी न पीछे हटते हैं
अन्ना लेकिन हम तुम्हारा पूर्ण समर्थन करते हैं .
कानून , प्रशाशन की हम अक्सर टांग मरोड़ा करते हैं.
बापू का ले के सहारा सिग्नल तोडा करते हैं .
सिफारिशें लगवाने में , सुनने और सुनाने में .
हम कभी न पीछे हटते हैं .
अन्ना लेकिन हम तुम्हारा पूर्ण समर्थन करते हैं .
कभी कहीं फंस जाए अगर , सब नीयम कायदे भाड़ में .
पहेले खुद की सोच लें , देश समाज बाद में .
सब कानून व्यवस्थाओं के , अभियंता , अधिवक्ताओं के ,
पक्ष , विपक्ष नेताओं के , गुंडों के मुस्टंडों के ,
नुस्खे समेत के रखते हैं .
अन्ना लेकिन हम तुम्हारा पूर्ण समर्थन करते हैं .
लोभ माया का थोडा सा , देश प्रेम पर भारी है .
लेकिन अन्ना डेट रहो तुम , अभी तो जनता जागी है .
अपना हित ही हम अक्सर सब से पहेले रखते हैं ,
अन्ना लेकिन हम तुम्हारा पूर्ण समर्थन करते हैं .
-अंकुर