ऐ ज़िन्दगी मुझे उनसे यूँ जुदा न कर,
है इशक इस कद्र साए से भी उन के ,
सूरज तू बादलों में यूँ छुपा न कर .
चूम लूगा ऐ हवा तुझे,
छु के गर गुज़रे गी उनको.
बदल रुख अपना झोका एक मेरी तरफ तो कर
हल ए दिल से बेखबर,
अपनी ही दुनिया में मसरूफ वो ,
कम्बक्थ कोई एक दस्तक उन के दिल पे भी तो कर ,
ऐ ज़िन्दगी मुझे उन से यूँ जुदा न कर .
आलम भी है ये क्या ,क्या बेबसी जनाब .
खामोश से हैं लब ,ढल रहा आफ़ताब .
कोई एक करिश्मा तू , मेरी डगर तो कर .
ऐ ज़िन्दगी मुझे उन से , यूँ जुदा न कर .
-अंकुर
है इशक इस कद्र साए से भी उन के ,
सूरज तू बादलों में यूँ छुपा न कर .
चूम लूगा ऐ हवा तुझे,
छु के गर गुज़रे गी उनको.
बदल रुख अपना झोका एक मेरी तरफ तो कर
हल ए दिल से बेखबर,
अपनी ही दुनिया में मसरूफ वो ,
कम्बक्थ कोई एक दस्तक उन के दिल पे भी तो कर ,
ऐ ज़िन्दगी मुझे उन से यूँ जुदा न कर .
आलम भी है ये क्या ,क्या बेबसी जनाब .
खामोश से हैं लब ,ढल रहा आफ़ताब .
कोई एक करिश्मा तू , मेरी डगर तो कर .
ऐ ज़िन्दगी मुझे उन से , यूँ जुदा न कर .
-अंकुर