हाथ जोड़ कर स्तुती करता मै बालक नादाँ प्रभु ,
एक संस्था ऐसी भेझो जिस में मै कुछ काम करू.
साथ पुस्तकों के तो मैंने वर्ष कई गुज़र दिए ,
खोज ज्ञान की करने में रात और दिन निकाल दिए .
इतिहास के पन्नो को , और भूगोल को भी माप लिया ,
विज्ञान का लेके सहारा आणु को भी नाप लिया .
भिन्न भिन्न संस्कृतियों की परम्पराएँ देख ली,
हेरा फेरी की परिभाषा , समेत उदाहरण सीख ली .
परीक्षा में नय्य मेरी किसी जतन से पार लगी ,
याद तुम्ही को कर कर के प्रभु इम्तहान की हर रात कटी .
एक कृपा प्रभु और कर के, हमारा कुछ कल्याण करें,
एक संस्था इसे भेजें जिस में हम कुछ काम करें .
-अंकुर
Awesome!! as always :)
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